नमस्कार मित्रों स्वागत है एक और लेख मे और आज इस लेख मे हम Karmadharaya Samas के बारे मे पुरे गेहेराई से जानेंगे हम आपको बताएँगे की karmadharaya samas किसे कहते है और यह कहाँ उपयोग किआ जाता है, साथ ही कुछ उदाहरण भी देंगे जिससे आपको समझने मे सरलता होंगी, तो मित्रों चलिए शुरू करते है।
Karmadaraya samas किसे कहते है?

जिस samas मे प्रथम पद विशेषण होता है और द्वितीय पद विशेष्य होता है उसे Karmadharaya samas कहते है, अर्थात इस samas मे उपमान और उपमेय दोनों का आपस मे सम्बन्ध होता है, दोनों एक दूसरे के बिना अधूरा होता है अर्थात दोनों के मिश्रण से ही एक शब्द बनता है जिसका एक ही अर्थ होता है।
यदि उपमान या उपमेय दोनों मे से कोई एक की कमी हुई तो उस samas या शब्द का कोई अर्थ नहीं बनेगा और यदि बनेगा भी तो वो बहुत अजीब और उटपटांग प्रतीत होगा।
हलाकि यह बात सच है की दोनों के मिश्रण से ही Karmadharaya samas बनता है और इहान ओर दोनों की प्रधानता है, किन्तु यहाँ पर सदैव द्वितीय पद की प्रधानता दी जाती है अर्थात इस samas मे असली अर्थ द्वितीय पद मे ही छुपा होता है।
ध्यान दें – यह तो आप्न्बे जाना की karmadharaya samas में द्वितीय पद की प्रधानता होता है किन्तु कुछ लोग इसे स्वतंत्र karmadharaya samas मानते है जो की सही जानकारी नही है.
Karmadharaya Samas in Hindi
कर्मधारय समास की परिभाषा – जिस samas मे प्रथम पद विशेषण होता है और द्वितीय पद विशेष्य होका की प्रधानता होता है इसलिए इस तरह का समास को तत्पुरुष समास का भेद भी माना जाता है। हलाकि कुछ पद ऐसे होते है जिनमे शब्द आगे पीछे हो सकते है किन्तु अर्थ सदेव द्वितीय पद का ही होता है, और उनमें विशेषण–विशेष्य तथा का सम्बन्ध अबश्य रहता है।
अतः कर्मधारय समास (karmdharay samas) में सभी विशेषण कुछ इश प्रकार होते है जेसे – असंख्यावाचक विशेषण (गुणवाचक विशेषण और परिमाणवाचक विशेषण) होता है, जिसका योग विशेष्य के साथ होता है।
अतः हम आपको कुछ उदाहरण देकर समझाना चाहते है की किस अबस्था मे एक शब्द karmdharay samas कहलता है, कृपया निचे ध्यान से पढ़ें।
- विशेषण–विशेष्य से मिश्रण पद होने पर
- उपमेय-उपमान से संजोग पद होने पर
- एक रूपक आलंकारिक से जोग पद होने पर
- उपसर्ग से युक्त पद होने पर
विशेषण–विशेष्य से संन्योक्त पद होने पर
ऐसे पद जिसमे विशेषण और विशेष्य युक्त होता है ऐसे सामासिक पद मे समास बिग्रह करते समय मे मध्य भाग मे “है या जो” इस तरह का वर्णनमला को लगाया जाता है, चलिए इसे उदाहरण के साथ समझते है।
उदहारण
- अर्धनंग्न – अध है जो नंगा है.
- मनमोहिनी – मन है जो मोहित है
- प्रातःकाल – प्रातः है जो काल है “काल का प्रधानता है”
- प्रधानमंत्री – मंत्री है जो प्रफान है
- महानव्यक्ति – व्यक्ति है जो महान है
- महामानव – मानव है जो महान है
- शांतिशिला – शांत है जो एक शिला
इसी तरह का अन्य कई अनगिनत उदाहरण हिअ जो एक karmadharaya samas शब्द है और इनको हम अपने रोज के जीवन मे कई बार इस्तेमाल भी करते है परन्तु हमें पता नहीं होता है की वो कोनसा शब्द है, और हिंदी व्याकरण मे उसकी क्या प्रधानता है।
उपमेय-उपमान से युक्त पद होने पर
उपमन-उपमेय को एक संपूर्ण पोस्ट में जोड़ते समय, शब्द “पसंद + है / हैं + जो” प्रश्न में समास-विग्रह करते समय उपमान और उपमेय से पहले आना चाहिए।
उदाहरण
- शांतिशील – शांति के सामान सीतल
- कोमलमन – मन है जो कोमल है
- विस्वनाथ – विस्व का नाथ है
- दिगम्बरी – द्विग है जो अंबरी
- श्यामामा – मा है जो श्यामा है
- हस्तलेखन – हात के द्वारा लेखन
- वज्ररूप – वज्र के सामान रूप
- शीतलजल – जल है जो सीतल है
- पासानरोपी – पत्थर के सामान रूप
- मधुरकंठ – कंठ है जो मधुर है
इसी तरह का और भी कई उदाहरण है जिनका उपयोग आप करते जिअ, यदि आपको भी कोई शब्द ऐसे याद आता है जो आपको लगता है की वो एक karmadharaya samas है तो हमें कमेंट बॉक्स मे अबशय बतायें।
उपसर्ग से युक्त पद होने पर
जब किसी उपसर्ग को विशेषण के रूप में प्रयुक्त किया जाता है तो एक कारक यौगिक भी होगा। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि कर्मधार्य समास में उपसर्ग का प्रयोग विशेषण के रूप में होता है, क्रिया-विशेषण के रूप में नहीं। अव्ययभाव समास, तत्पुरुष समास और बहुव्रीहि समास में भी उपसर्ग का महत्व है।
उदाहरण के लिए:
- कुपुत्र – अनाकर्षक पुत्र है।
- कुमारग – अर्थ है “भद्दा मार्ग”, जबकि दुर्व्यवहार का अर्थ है “निंदनीय व्यवहार।”
- कडन्ना – भयानक भोजन है।
- कपूरुश – एक बदसूरत आदमी को संदर्भित करता है।
- सुपुत्र – सुष्टु का पुत्र है।
- सतपरमर्ष – “बुद्धिमान परामर्शदाता” के लिए संस्कृत है
- कर्मधार्य – समास के चित्र
- कृष्णसर्प, – या “कृष्ण सर्प हैं”
- महाराजा – एक शानदार राजा को संदर्भित करता है; अधमरा उस व्यक्ति को संदर्भित करता है जो लगभग मर चुका है।
- श्यामसुन्दर – जिन्हें प्यारे श्याम के नाम से भी जाना जाता है, अंधविश्वास के प्रतीक हैं।
- चरणकमल: – कमल के समान पैर
- अरविंद – जो मुख हैं और मुखारविंद समतुल्य हैं
- नृसिंह – नर सिंह के समान होता है।
- घनश्याम – श्याम, एक घन जैसा वर्ण
- उषानगरी- एक बंदरगाह शहर है।
- मन का मंदिर: – मनमंदिर
NOTE:- कर्मधार्य समास तभी होगा जब विशेषण उपवाक्यों की पुनरावृत्ति या दोहराव होगा। उदाहरण के लिए, लाल और लाल, काला और काला, सफेद और भूरा, नीला और भूरा, आदि।
हिंदी मीनिंग
- Loyal Meaning In Hindi – With Example (2022)
- क्रश का अर्थ क्या है? Crush Meaning In Hindi
- From meaning in Hindi – From का क्या मतलब होता है?
- Refurbished Meaning In Hindi | रीफर्बिश्ड का अर्थ क्या है?
- Affiliate Marketing Hindi क्या और कैसे करते है? Hindi Vyanjan
- Bestie meaning in Hindi | बेस्टी को हिंदी में क्या कहते हैं?
- Debit Meaning In Hindi | Debit का परिभाषा क्या है?
हिंदी व्यंजन
- Vyakti Vachak Sangya | व्यक्तिवाचक संज्ञा के 20 उदाहरण
- Hindi letters “हिंदी वर्णमाला” परिभाषा और भेद – 2022
- हिंदी वर्णमाला (Hindi Alphabet) | Hindi varnamala
- Vyanjan In Hindi – हिंदी व्यंजन की भेद और सम्पूर्ण जानकारी
- Virudharthi Shabd | विरुद्धार्थी शब्द 50 उदहारण
- Vrutant lekhan in hindi | वृत्तांत लेखन हिंदी 8वी | Vrutant lekhan का अर्थ