नमस्कार मित्रों आजके यह लेख उन लोगों केलिए है जो लोग धर्म को लेकर प्रश्न खड़े करते है, हलाकि कोनसा धर्म कहाँ से सुरु हुआ और कोनसा धर्म किसका है यह किसीको नही पता है, किन्तु आजके समय में धर्म के नाम पर कई चीजें होती है, जिसका धर्म से कोई संपर्क नही होता है, इसलिए आज हम आपको बताएँगे की Sacha dharm konsa hai, और आपको कोनसा धर्म का पालन करनी चाहिए, तो बने रहें इस लेख में.
तो दोस्तों धर्म एक ऐसा व्यबस्था है जिसके सहारे मनुष्य अपने आप को सवार सकता है खुद को बदल सकता है, येही एक मात्र ऐसा सहारा है की इसके सहारे पर मनुष्य पूरा जीवन व्यतीत कर सकता है, यदि धर्म को अपना सहारा बना लिया तो दुनिया में और किसी भी चीज की अबश्य्कता नही है, किन्तु हमारे दुनिया में हजारों धर्म है, जेसे हिंदी, मुस्लिम, सिख, इसाई इत्यादि, ऐसे में प्रश्न यह उठता है की Sacha dharm konsa hai? और कोनसे धर्म का पालन करनी चाहिए.
तो दोस्तों चलिए सबसे पहेले धर्म को समझते है की धर्म क्या है इसका क्या काम है, और धर्म एक मनुष्य के जीवन में किस हद तक प्रभाबित है.
Sacha Dharm Konsa Hai Voice
धर्म क्या है?
धर्म मतलब “कर्तव्य, निष्ठा, ईश्वरीय पूजा, अहिंसा, साद गुण, न्याय अदि है, यह शब्द सुनकर आपका सर चक्र रहा है न? हमें पता है की धर्म के बारे में आपको यह सब कोई समझाया नही होगा, तो चलिए इसे बिस्तार से समझते है, हम यह दावे के साथ कहे सकते है की यह लेख आपका धर्म के प्रति नजरिया को बदल देगा.

धर्म में कर्त्तव्य क्या है?
वेसे धर्म से कर्त्तव्य का कोई लेना देना नही है, किन्तु धर्म सिखाता है की मनुष्य जीवन का कर्त्तव्य क्या है, यदि प्रत्येक मनुष्य आपका कर्तव्य सठिक तरीके से निभाए तो दुनिया में कभी कोई समस्या नही आयेगी, किन्तु आजका मनुष्य अपना कर्तव्य को छोड़ कर अन्य बेकार के चीजों में अपना समय व्यतीत कर देता है.
इसलिए तो अभी के समय में जीवन केवल एक आमदानी करने का मशीन बन गया है, कर्तव्य मतलब काम वो काम जिससे केवल निजी नही वल्कि दुनिया का हित हो, ऐसा कार्य जिससे सबकी मंगल हो, मैं यह नही कहे रहा हों की आप हर किसी केलिए जिओ किन्तु यह भी नही कहे रहा की केवल खुद केलिए जिओ.
निष्ठा का क्या महत्व है?
निष्ठा केवल एक शब्द नही है, यह एक संकल्प भी है, यदि आज के समय के मनुष्य को देखें तो वो कभी भी किसी एक चीज पर अपना मन नही लगा सकता है, फिर चाहे वो प्रेम के प्रति हो या अपने जीवन के किसी अन्य कार्य के प्रति.
पुराने ज़माने में सभी लोग अपने काम के प्रति इतना निष्ठावान थे की उसके लिए सबकुछ त्याग देते थे, पुराणों को यदि आप ध्यान देंगे तो आपको पता चलेगा की कैसे राजा या संतो ने वलिदान दिआ है।
उसी तरह से यदि आप निष्ठावान रहेंगे तो आपको जीवन मे कस्ट तो उठानी पड़ेगी किन्तु अंत मे जो मिलेगा वो आपका जीवन बदल देगा, धर्म निष्ठा को सिखाता है।
ईश्वरीय पूजा क्या है?
देखिये आजके समय मे हजारों लाखों ईश्वर है, हमारे हिन्दू धर्म मे किआ ऐसे भगवान हिअ जिनका नाम मुझे भी नहीं पता है, किन्तु मैं यह कहे सकता हूँ की भगवान की पूजा करने से मन को शांति मिलती है।
हलाकि आजके समय मे भगवान को ब्यापार का केंद्र बना दिआ गया है, किन्तु यदि आप अपने मन से भगवान को बोलाए तो वो अबश्य आपको दर्शन देंगे।
धर्म यह कभी नहीं कहता है की आपको किसी एक देवता का पूजा अर्चना करना है, आप अपने मन से जिस भी देवी या देवता का पूजा करेंगे भगवान आपको उसी अवतार मे दर्शन देंगे, धर्म चाय जो भी हो ईश्वरीय पूजा अबश्यक है।
अहिंसा का क्या महत्व है?
आपके गाँधी गिरी तो सुना ही होगा जिनका अहिंसा आंदोलन अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिआ था, गाँधी कहते थे की यदि तुम एक गाल पर मरोगे तो हम दूसरा दिखा देंगे।
किन्तु आजके समय मे हर कोई अपने आप को सबसे बड़ा समझता है, हलाकि उसे एक तिनका भी हटाया नहीं जा सकता किन्तु खुदको बड़ा साबित करने केलिए क्या क्या करता है वो आप सबको पता ही होगा।
लेकिन मेरे दोस्त अहिंसा ही एक मात्र ऐसा धर्म है जिससे बड़े बड़े झुकते है, हम यह नहीं कहे रहे है की कोई यदि आपको मारे तो उसे छोड़ दो, वल्कि यह कहे रहे है की अहिंसा के मार्ग पर चलो धर्म आपको अहिंसा मार्ग ही सिखाता है।
इसी तरीके से धर्म एक मनुष्य के जीवन को पूरी तरीके से बदल सकता है, यदि उसे साथिक तरीके से उपयोग किआ जाये तो, नहीं तो धर्म आज एक ब्यबशाय का विषय बन गया है।
सच्चा धर्म कोनसा है?
हमारे जगत मे कई धर्म है, जैसे हिन्दू, मुस्लिम, क्रिस्चियन/ईसाई, बौद्ध, जेन, सिख, इत्यादि, और भी कई धर्म है, और ए दिन नये नये धर्म की उत्पति भी होती है, अब Sacha dharm konsa hai है और कोनसे धर्म को मानना चाहिए यह आपको आगे इसी लेख में पता चलने वाला है, सबसे पहेले कुछ मुख्य धर्मों के बारे में जान लेते है की इनकी उत्पति केसे और कब हुई थी.

हिन्दू धर्म (Hindu Religion)
सबसे अधिक और अन्धविस्वाश से भरपूर और विस्व के तीसरा सबसे बड़ा धर्म है हिन्दू धर्म, हलाकि धर्म में कोई समाश्या नही है, हिन्दू धर्म सबसे कोमल और आदरणीय भी है, हिन्दू धर्म में कई बाते ऐसे है जिनको मनुष्य को सीखनी चाहिए, यदि हिन्दू धर्म को जीवन का सार बना लिया जाये तो मनुष्य जीवन में कभी कोई कमी नही रहेगी, किन्तु समाश्या यह है की आजके समय में लोग इसको एक ब्यापार का केंद्र बना दिए है.
हिन्दू धर्म के लोग भारत, नेपाल, मॉरिशियस, सूरीनाम, फिजी आदि देशों में वास करते है, और यह धर्म को सबसे प्राचीन धर्म भी मणि जाती है, मैं भी एक हिन्दू धर्म का व्यक्ति हूँ, जिसे सनातन धर्म भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म का कोई संस्थापक नही है, क्योंकि हिन्दू धर्म मानव की उत्पति से पहेले से है ऐसा मन जाता है जो की सच भी है.
यदि आपको हिन्दू धर्म के विषय में अधिक जानकारी चाहिए तो आपको “भगवत गीता” का पथ करनी चाहिए, यह ग्रन्थ आपको सिखाएगा की मनुष्य क्या है उनका कर्तव्य क्या है, निष्ठा व प्रतिज्ञा किसे कहेते है, एक मानव का दुसरे मानव के प्रति कर्तव्य क्या होनी चाहिए.
क्योंकि हिन्दू धर्म मानव उत्पति से पहेले से है इसलिए इसका स्थापना करने का तारीख भी नही है, वेसे आपको क्या लगता है यह हमें कमेंट करके अबश्य बताएं.
बौद्ध धर्म
बोद्ध धर्म की स्थापना श्री गोतम बोद्ध ने किआ था जिनका जन्म नेपाल में स्थित कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी ग्राम में हुआ था, गोतम बोद्ध का बचपन में अन्य नाम था जो था सिद्धार्थ, और यह एक क्षत्रिय भी थे, गोतम बोद्ध बिवाहित भी थे इनके पत्नी का नाम यासोधरा और पुत्र का नाम राहुल था, संसार की जलन से तंग आकर गोतम बोद्ध ने धर्म का रास्ता अपनाया जहाँ पर इन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई, और इसके द्वारा गोतम बोद्ध ने बोद्ध धर्म की निब राखी, बोद्ध धर्म की कुल 3 स्तम्ब/सिधांत है, दुःख, दुःख समुदाय, दुःख निरोध.
सिख धर्म
गुरु नानक देव द्वारा करीब 500 वर्ष पूर्व सिख धर्म की स्थापना किआ गया था, इस धर्म(सिख) में गुरु का अर्थ अलग है, सिख धर्म में गुरु शब्द का अर्थ है उन 10 तेज्वासी लोग जिन्होंने मानव जाती केलिए मार्ग दर्शन केलिए इस धरा पर अबतार लिया.
एक बात हम आपको साफ़ साफ़ बता देना चाहते है की सिख धर हिन्दू धर्म नही है और न ही सिख धर्म हिन्दू धर्म की रक्ष्या केलिए बना है, यह धर्म अपने आपमें एक अलग जनजाति केलिए है, सिख धर्म की मुख्य ग्रन्थ भी है जिसका नाम है “गुरु ग्रन्थ साहिब” और तो और सिख धर्म का प्रसिद्ध मंदिर अमृतसर में स्थित है जो सोने का है.
इस्लाम धर्म
हजरत मौहम्मद साहब यह वो व्यक्ति थे जिन्होंने इस्लाम धर्म मतलब मुस्लिम धर्म की स्थापना किआ था, हलाकि मैं हर धर्म का सन्मान करता हूँ किन्तु यह धर्म मुझे कुछ खास पसंद नही आया, क्योंकि कोई भी धर्म कभी भी जानवरों की बलि नही मांगता है, और इस्लाम धर्म भी यह कभी नही कहा है की आप जानवरों की बलि दो, लोग विकृत है इसलिए यह पाप करते है और धर्म का नाम पर पाप को छुपाते है.
हजरत महोमद साहब का जन्म 570 ई ० में अरब (मक्का) में हुआ था जिनको इस्लामी ग्रन्थ में अहम्मद या महोम्मद केहेकर पुकारा गया है, हलाकि महोम्मद साहब विबाहित थे, और हम इहाँ पर इनके खानदान के बारे में नही बताना चाहते है, हम केवल यह जनन्ना चाहते है की इस्लाम धर्म क्या कहेता है.
इस्लाम धर्म एक शांति प्रचार धर्म है जिसमे केवल प्यासे को पानी पिलाना प्रुन्य का काम मन गया है, और यह धर्म कभी यह नही कहेता है की किसी पर जुल्म करो या किसी जानवर को बिना मतलब के कुबं करो, इस्लाम धर्म में यह कहा गया है की यदि अति अबश्यक होने पर यदि तुम्हारे पास कुछ भी खाने केलिए नही है और तुम भूक से मरने वाले हो तब तुम किसी जानवर का सेवन कर सकते हो, इसका मतलब यह कभी नही है की सदेव जानवरों का सेवन करो, अश्लील विकृत दिमाग वालों सुधर जाओ.
ईसाई धर्म
सभी धर्मों में मेरा द्वितीय प्रिय धर्म है इसाई धर्म, यह धर्म प्रेम का आदान प्रदान करता है, इसके स्थापक स्वयँ प्रभु “ईसू” थे जो जन जाती के कल्याण हेतु खुद सूली पर चढ़ गये थे, भगवन यीशु भगवन तो नही थे किन्तु यह भगवन के पुत्र थे ऐसा मन गया है इसलिए इनकी पूजा किआ जाता है, और सच बताऊँ तो मैं 2 वर्ष तक एक क्रिस्टियन पथ्सला में पढाई किआ है इसलिए मुझे पता है की इसाई धर्म कितना पवित्र और शांति प्रकाशित धर्म है.
हलाकि यह धर्म की स्थापना कब किया गया था उसका पुख्ता तारीख हम नही बता सकते है किन्तु यह अबश्य बता सकते है की इसाई धर्म को यिस्गु की मृत्यु के 50 साल बाद किआ गया था, वेसे यह सच है या झूट वो हमें भी नही पता है, किन्तु यह आपको जनन्ना चाहिए की इसाई धर्म में भी अपना ग्रन्थ है जिसे बाईबेल कहेते है और यह भी एक मनुष्य जीवन के प्रति सिख है यह भी दुनिया का सबसे प्राचीन ग्रन्थ मन जाता है.
जैन धर्म
जैन धर्म में अहिंसा को परम धर्म माना जाता है। जैन ग्रंथो के अनुसार इस काल में प्रथम तीर्थकर ऋषभदेव थे। महावीर जैन धर्म के 24 वें तीर्थकर थे। जैन धर्म को दो सम्प्रदायों में बांटा गया है – श्वेतांबर और दिगंबर। जैन धर्म के लोग अपने जीवन में धर्म को अधिक महत्व देते है और बहुत ही सरल व साधारण जीवन जीते है। जैन धर्म क्र अनुयायियों का मानना है कि मोक्ष तब प्राप्त होता है जब मनुष्य कर्म के बंधन से पूर्णतया मुक्त हो जाता है।
Sacha dharm konsa hai
तो दोस्तों अब अति है हमारे प्रश्न के उत्तर की सच्चा धर्म कोनसा है? देखो मित्रों मैं किसी भी धर्म को त्वाहीन नही कर रहा हूँ और न ही मेरा उदेश्य किसी भी धर्म को या उसके पालन करता के मन कु ठेस पहोंचाना है, इसलिए मेरा यह मानना है की धर्म दुनिया में हजारों हो सकते है, किन्तु एक ऐसा धर्म है जो हर कोई पालन कर सकता है और वो है “मानव धर्म” और येही सबसे बड़ा और सबसे सच्चा धर्म है, यदि आपको यह बात गलत लगता है तो हमें कमेंट करके बताये, और यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा अबश्य करें.
FAQ
क्या इस्लाम सच्चा धर्म है
इस्लाम धर्म सच्चा धर्म नही है, क्योंकि कोई भी धर्म सच्चा धर्म नही है, धर्म केवल मानव जाती के कल्याण हेतु बने गयी है और इसे बनाने वाला भी एक मानव ही है, इसलिए मैं यह मानता हूँ की इस्लाम धर्म सच्चा धर्म नही है, सच्चा धर्म मानव धर्म अहि.
सबसे अच्छा धर्म कौन सा है
सबसे अच्छा धर्म है आपका धर्म जिसे आपने धारण किआ है, मतलब यदि आप एक हिन्दू परिवार में जन्म लिए है तो आपका धर्म ही अच्छा है, वेसे दुनिया में हर धर्म अच्छा है क्योंकि हर धर्म मानव के हित केलिए है.
सबसे गंदा धर्म कौन सा है
कोई भी धर्म गंदा नही है और कभी गंदा हो भी नही सकता है, धर्म केवल मनुष्य जाती केलिए है, मनुष्य इसके सहारे जीवन में परम ज्ञान प्राप्त कर सकता है, हाँ धर्म को पालन करने वाले गंदे हो सकते है जो हर धर्म में होते है.
सबसे पवित्र धर्म कौन सा है
हर धर्म पवित्र है हर धर्म जिव जगत केलिए है.
दुनिया में सबसे बड़ा धर्म कौन सा है
इसाई धर्म दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है.
भारत में सबसे अच्छा धर्म कौन सा है
भारत में हिन्दू धर्म सबस अच्छा धर्म है क्योंकि हम भारतीय है और हमारा काम पूजा अर्चना है, हमारा धर्म सवास्रेस्थ होनी चाहिए, सनातन धर्म वो धर्म है जो मानव जन्म से पहेले से ही इस धरा पर है, इसलिए भारत में हिन्दू धर्म ही सबसे अच्छा धर्म है, और यह होनी भी चाहिए.
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